रक्षाबंधन- करुणा अथैया 'किरण'
बहना - भाई का है प्यारा ,,
रक्षाबंधन अमित त्योहार ।।
बाँध , एक धागे से लेते ..
दोनों ही, इस जन्म का प्यार।।
जन्म-जन्म का प्यार समाहित,,
प्रेम रंग के , कच्चे - धागे ।
होते हैं , यह अनमोल बहुत,,
फीका सब कुछ इनके आगे।।
सावन झूमे.....गाये मल्हार ।
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
भाई मस्तक , अक्षत - कुमकुम ,,
बहना प्रेम , दुआ बन फलता ।
बँधा कलाई ,,कच्चा धागा ,,
रंग प्रेम आशा का खिलता।।
रिश्तों का है मधुर प्रतिहार।
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
बहना चाहे , दूर रहें दुख ,,
जीवन से , भाई के सारे ।
भाई सोचे , बहन सुखी हो,,
अश्रु नहीं हों आँखों खारे।।
इक दूजे की करें , मनुहार ।
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
बहना - भाई का है प्यारा ,,
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
देहरादून, उत्तराखंड
रक्षाबंधन- गणपत लाल उदय
रेशम के इस धागें की ये बात ही बड़ी-निराली है,
सजाकर लाती बहने इसदिन प्यारी सी थाली है।
लम्बी उम्र की कर कामना तिलक वह लगाती है,
बिठाकर बाजोट भैय्या के हाथ राखी बाॅंधती है।।
रोली-मोली और मिठाई नारियल लेकर आती है,
ख़ुश रहना सदैव प्यारे भैया ऐसी दुआऍं देती है।
कर किलकारी वह बहना संपूर्ण घर चहकाती है,
जब भी आये ये त्यौहार वो फूले नही समाती है।।
यह कच्चें धागो की राखियां शक्तिशाली होती है,
श्रावण शुक्ल पंचमी को बहने पीहर में लाती है।
माॅं जैसी मूरत वैसी सूरत सब बहनो की होती है,
रिश्तें निभाने यही बहने मीलों से चली आती है।।
भईया के आने से पहले थाल सजाकर रखती है,
साथ पले एवं बड़े हुऍं वें यादें ताज़ा हो जाती है।
बान्धकर राखी बहना गिले शिकवे भूल जाती है,
ऐसे रिश्तों से सबकी ख़ूबसूरती निखर जाती है।।
अजमेर, राजस्थान
रक्षाबंधन- वेदवंती 'वेदी'
सबसे पावन,सबसे प्यारा,रक्षाबंधन का त्योहार।
इस त्योहार से गहरा होता भाई-बहन का प्यार।।
भाई नाराज हो बहन से,या बहन रुठी हो भाई से।
भाई बहन का रिश्ता ,कभी टूटता नहीं लड़ाई से।।
ये रक्षाबंधन के आते,भूलते हैं आपस का तकरार।
सबसे पावन ,सबसे प्यारा......
इस दिन सड़कों में वाहनों का आवागमन तेज रहता है।
बाजार में राखियों,मिठाइयों से रौनक विशेष रहता है।।
इस दिन बहन भाई का,भाई बहन का करते इंतजार।
सबसे पावन, सबसे प्यारा......
राखी की डोरी से बहनें,भाईयों को सुरक्षित करती हैं।
साथ ही निज सुरक्षा का दायित्व भाई को सौंपती हैं।।
बहन का कोई भी आदेश भाई सहर्ष करते स्वीकार।
सबसे पावन ,सबसे प्यारा.......
रोली,चंदन,अक्षत,दीप से जब बहनें थाली सजाती हैं।
ये स्नेह भरे मन से सारे घर-आंगन को महकाती हैं।।
रब करे सदा आबाद रहे,भाई-बहन दोनों का परिवार।
सबसे पावन, सबसे प्यारा.......
मिलों दूर भाई-बहन को रक्षाबंधन करीब लाता है।
ये त्यौहार हमें बतलाता,भाई-बहन का अटूट नाता है।।
भले बहन हो देश में, भाई रहता हो सात समंदर पार।
सबसे पावन ,सबसे प्यारा.......
रांची, झारखंड
रक्षाबंधन- धरम सिंहः मालवीय 'धरम'
बहन का फर्ज निभाया तुमने मैं भाई का फर्ज निभाऊँगा
जहाँ पसीना बहे बहन का बहा पर रक्त बहाऊंगा
ले कसम उठाता हूँ मैं बहना सम्मान तुझे दिलाऊँगा
तेरे जीवन का रक्षा प्रण लेकर मैं रक्षा पर्व मनाऊँगा
देश हित काज कर मैं, देश की ख़ातिर मुरुगा
हैं प्रण ये मेरा मुझे ,मैं सांस अंतिम तक लडूंगा
राह में हो सघन अंधेरे ,पर बहन डरना नही
राह में तेरी सदा मैं ,दीप बनकर ही जलूगा
कसम मुझे हैं महादेव की मैं भाई का फर्ज निभाऊँगा
तेरी राहो के कांटे चुन चुन राखी का कर्ज चुकाऊंगा
गोद मुझे स्नेह की देकर बहना धर्म निभाया तुमने
तप्ति राह में तरु घना बन ,मैं भाई का धर्म निभाऊँगा
पड़े जरूरत जब भाई की,तुम आबाज लगा देना
भाई हैं जिन्दा तेरा तुम हालातों को ये बात बता देना
रहेगी जान जिश्म में जब तक तुझपर संकट न आएगा
जिस दिन मरे ये भाई तेरा तुम जलता दीप बुझा देना
विदिशा म.प्र.
रक्षाबंधन-आचार्य कमलेन्द्र नारायण चौबे
संस्कृत दिवस पुनीत श्रावणी पूर्णिमा,
संस्कृति विश्व गुरु आधार का ।
भारत में रक्षाबन्धन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।
द्वापर में केशव की अंगुली कटी तो,
पाञ्चाली ने पट बांध दिया ।
चीरहरण के समय मधुसूदन ने आकर,
कौरवों का बल साध लिया ।।
कर्मवती ने भेजा हुमायूं को रक्षा-सूत्र,
मानव-धर्म उद्गार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्योहार है ,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।1।।
पर्यावरणीय औषधालय में धरती से,
गगन ने प्रथम अनुसंधान किया ।
प्रकृति के आगोश में उसने विलक्षण,
दिव्यातिदिव्य संतति प्रदान किया ।।
धर्म को शीला ने तब रक्षा-सूत्र बांधे,
अमर-प्रेम स्थापन मनुहार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।2।।
क्षिति,जल,पावक,गगन,समीर संग ,
नवग्रह,रवि,चन्द्र, सितारों में ।
बहन हेतु भाई होता प्राणों से प्यारा ,
बहुमूल्य सम्बन्ध आगारों में ।।
रोये दोनों अतिशय राखी में ना मिले तो,
असीम उदाहरण जग में इनके दीदार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है ,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।3।।
माँ का दूध या बहन के राखी का कर्जा ,
सीमा पर मातृभूमि का आन टिका है ।
राखी मात्र रेशमी धागा ही नहीं अपितु,
धन-सम्पदा सब आभूषण फीका है ।।
बहन-भाई सृष्टि के कमल-नयन हैं,
वसुधा पर जीव-जगत् संचार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।4।।
संस्कृत दिवस पुनीत श्रावणी पूर्णिमा,
संस्कृति विश्व गुरु आधार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।
लखनऊ, उ०प्र०
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