Hindi Poem On Rakshabandhan |
प्रतियोगिता से संबंधित नियम व शर्तें
रचना विषय - ' रक्षाबंधन ' प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने की प्रक्रिया♻️ रचना विषय प्रत्येक सोमवार सुबह पत्रिका के App पर प्रकाशित किया जायेगा। ♻️ रचनाकार को अपनी रचनाएँ App में दिए गए प्रतियोगिता विषय के कॉमेंट में लिखना होगा। ♻️ रचनाकार कॉमेंट में रचना पोस्ट करते समय रचना में नीचे अपना नाम जिला व प्रदेश अवश्य लिखें अन्यथा रचना अस्वीकृत होगी। ♻️ रचनाएँ 12-16 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। ♻️ रचना में हिन्दी भाषा के शब्दों के प्रयोग को प्राथमिकता दी जाएगी अतः हिंदी के शब्द का ही प्रयोग करें। ♻️ रचना के उत्कृष्ट भाव होने पर कुछ अन्य भाषा के सामान्य शब्दों की छूट या उसे हिन्दी भाषा के शब्दों से प्रतिस्थापित किया जा सकता है। ♻️ रचना के उत्कृष्ट होने पर रचना के चयन हेतु उसमें कुछ शब्दों अथवा पंक्तियों के परिवर्तित कर उसे प्रकाशित करने का अधिकार निर्णायक समिति के पास सुरक्षित है | ♻️ यदि कोई रचनाकार हिन्दी से पृथक् भाषा के शब्दों का प्रयोग अधिक करता है तो उसकी रचना को निर्णय से हटा दिया जायेगा तथा प्रयास किया जायेगा कि उसे सुझाव दिया जाए। ♻️ रचनाएँ भावाश्रित होने के साथ ही व्याकरण तथा साहित्य के दोषों से मुक्त हों जिससे उसके चयन की सर्वाधिक संभावना हो। ♻️ साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य हिन्दी भाषा के प्रति जागृत करना है अतः प्रतियोगिता में सर्वाधिक ध्यान भाव के साथ हिन्दी शब्दों के सर्वाधिक प्रयोग पर है। ♻️ किसी भी शब्द की पुनरावृत्ति किसी भी लेखन में त्रुटि मानी जाती है अतः किसी शब्द की पुनरावृत्ति से बचने हुए हिन्दी भाषा के अलग - अलग उपयुक्त शब्दों का प्रयोग करें। ♻️ रचनाएँ प्रत्येक शुक्रवार रात्रि १० बजे तक ही स्वीकार होंगी। ♻️ साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता का परिणाम रविवार को पत्रिका की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया जायेगा। ♻️ परिणाम प्रकाशित होने के बाद चुने गए रचनाकार को अपना पासपोर्ट साइज़ फोटो पत्रिका के आधिकारिक व्हाट्सएप +91 6392263716 पर भेज देना है। ♻️ पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रशस्ति -पत्र पर प्रयोग करने हेतु मंगाया जाता है, यदि चुने गए रचनाकार द्वारा रविवार शाम तक फोटो नहीं भेजा गया तो बिना फोटो के ही प्रशस्ति -पत्र जारी कर दिया जायेगा। ♻️ प्रशस्ति -पत्र पत्रिका के फेसबुक पेज, फेसबुक ग्रुप या इंस्टाग्राम आदि से प्राप्त किया जा सकता है जिसकी लिंक वेबसाइट पर उपलब्ध है । ♻️ किसी आपातकालीन स्थिति में प्रशस्ति -पत्र को पत्रिका के व्हाट्सएप से भी प्राप्त किया जा सकता है। ♻️ प्रशस्ति -पत्र ई-फॉर्मेट में जारी किया जायेगा तथा जो रचनाकार चाहें इसकी हार्डकॉपी निःशुल्क प्रयागराज से प्राप्त कर सकते हैं। ♻️ प्रशस्ति -पत्र अपने डाक पते पर मंगाने हेतु रचनाकार को कुछ आवश्यक शुल्क देने होंगे, जिससे उनके पते पर इसे भेज दिया जा सके। ♦️ रचना कैसे करें?1️⃣ रचना करने के लिए सबसे पहले आप हिन्दी काव्य कोश के मोबाइल App पर आयेंगे जहाँ पर प्रत्येक सोमवार को विषय पोस्ट किया जाता है। 2️⃣पत्रिका के App पर दिए गए विषय पोस्ट पर क्लिक कर उसके नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स में अपनी रचना लिखकर Submit कर देंगे। 3️⃣ रचनाकारों को हिन्दी काव्य कोश के फेसबुक ग्रुप में अपनी रचनाएँ अवश्य भेजनी चाहिए परंतु यह ऐच्छिक है। 4️⃣ रचना कॉमेंट में सबमिट होने के बाद उसे वही रचनाकार edit नहीं किया जाना है। 5️⃣ रचनाकारों को सुझाव दिया जाता है कि वे एक बार कॉमेंट करने से पहले Log in कर लें जिससे नाम के साथ उनका कॉमेंट प्रदर्शित हो। किसी प्रकार की समस्या होने पर पत्रिका के व्हाट्सएप नंबर +91 6392263716 पर समस्या साझा करें। 6️⃣ चुनी गई रचना का लिंक प्रत्येक विषय पोस्ट के नीचे जोड़ दिया जायेगा जिसपर क्लिक करके उस विषय की चुनी गई रचनाओं को बाद में पढ़ा जा सकेगा। 7️⃣ रचनाओं का चुनाव निर्णायक मंडल द्वारा निष्पक्ष रूप से किया जाता है।। अतः कोई भी रचनाकार निर्णय पर प्रश्न नहीं उठा सकता है।। यदि कोई रचनाकार चुनी गई रचनाओं पर अभद्र टिप्पणी करता है या चुनाव प्रक्रिया का विरोध करता है तो उसे हिन्दी काव्य कोश से बाहर कर दिया जायेगा।। 🏆📣🏆 प्रतियोगिता का परिणाम प्रत्येक सप्ताह रविवार को घोषित किया जाएगा। जिसमें निर्णायक समिति द्वारा समान रूप से चुनी गई रचना को उत्कृष्ट घोषित किया जायेगा। जिसे हिन्दी काव्य कोश के फेसबुक पेज तथा ग्रुप्स में भेजा जायेगा तथा उनकी रचना को पत्रिका की वेबसाट www.hindikavykosh.in पर प्रकाशित किया जायेगा।। 💯 रचना चोरी की अनेकों शिकायतें हिन्दी काव्य कोश की जाँच समिति को प्राप्त हो रही हैं। हिन्दी काव्य कोश आपको यह सूचित करता है कि यदि आपकी रचना में किसी भी रचनाकार की कोई भी पंक्तियाँ पाई गईं तो आपकी रचना का चुनाव होने के बाद भी आपको सदैव के लिए आपकी रचना को हटा कर सार्वजनिक रूप से बाहर कर दिया जायेगा।। सुझाव :🗝️ रचनाकारों को अपनी रचना नीचे कॉमेंट में पेस्ट करने के बाद पत्रिका परिवार के फ़ेसबुक ग्रुप में ऊपर दी गई विषय चित्र के साथ रचना पोस्ट करना चाहिए जिससे उसे अधिक साहित्य प्रेमियों तक पहुँचाया जा सके | फ़ेसबुक ग्रुप की लिंक पर क्लिक कर पोस्ट करें 🗝️ फेसबुक पर आप सभी #हिन्दी_काव्य_कोश तथा #tmkosh का प्रयोग अवश्य करें। ऐसा करने पर समिति कोश को आपकी पोस्ट देखने में मदद मिलती है। 🗝️ रचनाओं का चुनाव Whatsapp पर नहीं किया जायेगा | अतः रचनाकारों से निवेदन है कृपया प्रतियोगिता विषय की रचनायें Whatsapp पर न भेजें | प्रतियोगिता से बाहर की रचनायें ( कहानी,कविता,लेख ) आदि के प्रकाशन हेतु उन्हें Whatsapp पर भेजी जा सकती हैं | |
- 50 कालजयी रचनायें जिनपर समय की धूल नहीं जमी
- बशीर बद्र के 100 चुनिंदा शेर
- कृष्ण की चेतावनी/रामधारी सिंह दिनकर
- सामने का वह सब/विनय दुबे
- हे भारत के राम जगो मैं तुम्हें जगाने आया हूँ / आशुतोष राणा
- हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए/दुष्यंत कुमार
- हम कौन थे! क्या हो गये हैं/मैथलीशरण गुप्त
- मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको/अदम गोंडवी
- मधुशाला/हरिवंशराय बच्चन
30 टिप्पणियाँ
कमलेन्द्र नारायण चौबे
जवाब देंहटाएंकाव्यगत बिषय =रक्षाबन्धन
जवाब देंहटाएंसंस्कृत दिवस पुनीत श्रावणी पूर्णिमा,
संस्कृति विश्व गुरु आधार का ।
भारत में रक्षाबन्धन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।
द्वापर में केशव की अंगुली कटी तो,
पाञ्चाली ने पट बांध दिया ।
चीरहरण के समय मधुसूदन ने आकर,
कौरवों का बल साध लिया ।।
कर्मवती ने भेजा हुमायूं को रक्षा-सूत्र,
मानव-धर्म उद्गार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्योहार है ,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।1।।
पर्यावरणीय औषधालय में धरती से,
गगन ने प्रथम अनुसंधान किया ।
प्रकृति के आगोश में उसने विलक्षण,
दिव्यातिदिव्य संतति प्रदान किया ।।
धर्म को शीला ने तब रक्षा-सूत्र बांधे,
अमर-प्रेम स्थापन मनुहार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।2।।
क्षिति,जल,पावक,गगन,समीर संग ,
नवग्रह,रवि,चन्द्र, सितारों में ।
बहन हेतु भाई होता प्राणों से प्यारा ,
बहुमूल्य सम्बन्ध आगारों में ।।
रोये दोनों अतिशय राखी में ना मिले तो,
असीम उदाहरण जग में इनके दीदार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है ,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।3।।
माँ का दूध या बहन के राखी का कर्जा ,
सीमा पर मातृभूमि का आन टिका है ।
राखी मात्र रेशमी धागा ही नहीं अपितु,
धन-सम्पदा सब आभूषण फीका है ।।
बहन-भाई सृष्टि के कमल-नयन हैं,
वसुधा पर जीव-जगत् संचार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।4।।
संस्कृत दिवस पुनीत श्रावणी पूर्णिमा,
संस्कृति विश्व गुरु आधार का ।
भारत में रक्षाबंधन पावन त्यौहार है,
भाई-बहन के अनुपम प्यार का ।।
।।अप्रकाशित स्वरचित मौलिक कविता रचना ।।
रचनाकार=आचार्य कमलेन्द्र नारायण चौबे,मुन्नू खेड़ा,पारा जनपद-लखनऊ(उ०प्र०)
दूरभाष =9682879902
हिन्दी काव्य कोश नमन,वन्दन,अभिनन्दन।
जवाब देंहटाएंकविता-रक्षा पर्व
✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
बहन का फर्ज निभाया तुमने मैं भाई का फर्ज निभाऊँगा
जहाँ पसीना बहे बहन का बहा पर रक्त बहाऊंगा
ले कसम उठाता हूँ मैं बहना सम्मान तुझे दिलाऊँगा
तेरे जीवन का रक्षा प्रण लेकर मैं रक्षा पर्व मनाऊँगा
देश हित काज कर मैं, देश की ख़ातिर मुरुगा
हैं प्रण ये मेरा मुझे ,मैं सांस अंतिम तक लडूंगा
राह में हो सघन अंधेरे ,पर बहन डरना नही
राह में तेरी सदा मैं ,दीप बनकर ही जलूगा
कसम मुझे हैं महादेव की मैं भाई का फर्ज निभाऊँगा
तेरी राहो के कांटे चुन चुन राखी का कर्ज चुकाऊंगा
गोद मुझे स्नेह की देकर बहना धर्म निभाया तुमने
तप्ति राह में तरु घना बन ,मैं भाई का धर्म निभाऊँगा
पड़े जरूरत जब भाई की,तुम आबाज लगा देना
भाई हैं जिन्दा तेरा तुम हालातों को ये बात बता देना
रहेगी जान जिश्म में जब तक तुझपर संकट न आएगा
जिस दिन मरे ये भाई तेरा तुम जलता दीप बुझा देना
नाम -धरम सिंहः मालवीय 'धरम'
पता-ग्राम सोठिया गंजबासौदा जिला विदिशा मप्र 464121
जवाब देंहटाएंकविता-रक्षा पर्व
✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
बहन का फर्ज निभाया तुमने मैं भाई का फर्ज निभाऊँगा
जहाँ पसीना बहे बहन का बहा पर रक्त बहाऊंगा
ले कसम उठाता हूँ मैं बहना सम्मान तुझे दिलाऊँगा
तेरे जीवन का रक्षा प्रण लेकर मैं रक्षा पर्व मनाऊँगा
देश हित काज कर मैं, देश की ख़ातिर मुरुगा
हैं प्रण ये मेरा मुझे ,मैं सांस अंतिम तक लडूंगा
राह में हो सघन अंधेरे ,पर बहन डरना नही
राह में तेरी सदा मैं ,दीप बनकर ही जलूगा
कसम मुझे हैं महादेव की मैं भाई का फर्ज निभाऊँगा
तेरी राहो के कांटे चुन चुन राखी का कर्ज चुकाऊंगा
गोद मुझे स्नेह की देकर बहना धर्म निभाया तुमने
तप्ति राह में तरु घना बन ,मैं भाई का धर्म निभाऊँगा
पड़े जरूरत जब भाई की,तुम आबाज लगा देना
भाई हैं जिन्दा तेरा तुम हालातों को ये बात बता देना
रहेगी जान जिश्म में जब तक तुझपर संकट न आएगा
जिस दिन मरे ये भाई तेरा तुम जलता दीप बुझा देना
नाम -धरम सिंहः मालवीय 'धरम'
मोबाइल 7000715164
पता-ग्राम सोठिया गंजबासौदा जिला विदिशा मप्र 464221
#विषय_रक्षाबंधन
जवाब देंहटाएंये बन्धन प्यार का बन्धन, बड़ा अनमोल होता है
बहन भाई के रिश्ते का, नहीं कोई मोल होता है
रेशमी कच्चे ये धागे, कलाई पर जो वो बांधे -
जगत में है बड़ा पावन, न इसका तोल होता है।
न कोई शब्दों की सीमा, नहीं शर्तों की परिसीमा
असीमित प्यार में डूबे, बहन-भाई की हर सीमा
सदा एहसास में डूबे, नहीं कोई स्वार्थ होता है
प्रेम निश्छल सदा होते, निष्कपट भाव की सीमा।
चिड़िया एक आंगन की, चहक उठता है घर-आंगन
कली गुलशन की हर बहना,महकता है सदा दामन
सदा संस्कार संस्कृति में, संवरती और सजती वो
दुलारी बहना भाई की, नहीं कमज़ोर ये बन्धन।
खड़ा रक्षा में हर भाई,न विपदा तुमको छू पाए
नहीं कोई ग़म कभी आए, सदा जीवन में मुस्काए
सदा यमराज के सम्मुख, खड़ी हो जाती है बहना
चुका सकता न कोई मोल, न बन्धन तोड़ ही पाए।
*************************************
जवाब देंहटाएं#हिन्दी_काव्य_कोश#tmkosh
साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता
शीर्षक:रक्षाबंधन
दिनांक: 22/08/2023
रक्षाबंधन
सदियों से गौरवान्वित जन-मन जगत,
रक्षाबंधन,भाई-बहन प्यार का त्योहार।
सहोदर या परोदर भाई-बहन रिश्ते में,
रक्षाबंधन सुरक्षा ,संकल्प का त्योहार।
द्यूत में पराजित पांडव समक्ष सभा में,
दूष्ट दुशासन ,द्रोपदी चीर हरण तैयार।
भाई कृष्ण को बहन,रक्षा हेतु पुकारी,
प्रभु ने लाज बचायी ,करके चमत्कार।
सिन्धुघाटी की लड़ाई बहुचर्चित धरा,
बहादुर शाह ज़फ़र,चढ़ा चितौड़ द्वार।
राखी-पत्र,कर्णावती भेजी वीर हुमायूँ,
युद्ध हार गया शाह,बंद हुआ नरसंहार।
युद्ध हुआ सिकंदर और राजा पुरू में,
पत्नी रोक्साना ,तनाव में पड़ी बिमार।
युद्ध विराम की राखी,वह भेजी रण में,
बहन खातिर,रखा राजा म्यान तलवार।
राखी बांध,खुश बहन मिठाई खिलाती,
तोहफा देता भाई,खुश होकर बार-बार।
भरा रहे,सभी बहन का आगन खुशी से,
रक्षाबंधन बहन- भाई का प्यारा त्योहार।
बीरेन्द्र सिंह राज
नोएडा
गौतम बुद्ध नगर
उत्तर प्रदेश
#हिन्दी_काव्य_कोश
जवाब देंहटाएं#tmkosh
# साप्ताहिक_काव्य_प्रतियोगिता
विषय: रक्षाबंधन
दिनांक: २२.०८.२०२३
बंधन... वो भी प्यारा,
हां, होता है ऐसा भी;
इस बंधन में बंधना चाहें,
छोटे हों या बड़े सभी;
बंधन प्यार का, है..रक्षाबंधन!
बांध के धागा प्रेम का,
बहना ने लिया वचन;
राखी की मेरी लाज निभाना,
मेरे भैया तुम हरदम;
प्रतीक विश्वास का, है..रक्षाबंधन!
अपने प्यारे वीरा पे,
बलिहारी जाए बहन;
जान हथेली पर लेकर,
जब भाई निभाए वचन;
प्रदीप्त सम्मान से, है..रक्षाबंधन!
बदलते जमाने में,
शुरू हुआ है नया चलन;
रक्षा करें एक दूजे की,
फिर भाई हो या बहन;
विधान स्नेह का, है..रक्षाबंधन!
आओ संकल्पित हों सभी,
हरा रखने को पर्यावरण;
शोषितों की रक्षा कर,
सशक्त करें हम अपना वतन;
आश्वासन सुरक्षा का, है..रक्षाबंधन!
स्वरचित मौलिक रचना
द्वारा,सीमा अग्रवाल
गोमतीनगर, लखनऊ
उत्तर प्रदेश -२२६०१०
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जवाब देंहटाएं#हिन्दी_काव्य_कोष
जवाब देंहटाएं#tmkosh
दिनाँक 23/08/23
विषय - "रक्षाबंधन"
विधा - कविता
************************************
रक्षाबंधन
सबसे पावन,सबसे प्यारा,रक्षाबंधन का त्योहार।
इस त्योहार से गहरा होता भाई-बहन का प्यार।।
भाई नाराज हो बहन से,या बहन रुठी हो भाई से।
भाई बहन का रिश्ता ,कभी टूटता नहीं लड़ाई से।।
ये रक्षाबंधन के आते,भूलते हैं आपस का तकरार।
सबसे पावन ,सबसे प्यारा...........
इस दिन सड़कों में वाहनों का आवागमन तेज रहता है।
बाजार में राखियों,मिठाइयों से रौनक विशेष रहता है।।
इस दिन बहन भाई का,भाई बहन का करते इंतजार।
सबसे पावन, सबसे प्यारा...........
राखी की डोरी से बहनें,भाईयों को सुरक्षित करती हैं।
साथ ही निज सुरक्षा का दायित्व भाई को सौंपती हैं।।
बहन का कोई भी आदेश भाई सहर्ष करते स्वीकार।
सबसे पावन ,सबसे प्यारा............
रोली,चंदन,अक्षत,दीप से जब बहनें थाली सजाती हैं।
ये स्नेह भरे मन से सारे घर-आंगन को महकाती हैं।।
रब करे सदा आबाद रहे,भाई-बहन दोनों का परिवार।
सबसे पावन, सबसे प्यारा............
मिलों दूर भाई-बहन को रक्षाबंधन करीब लाता है।
ये त्यौहार हमें बतलाता,भाई-बहन का अटूट नाता है।।
भले बहन हो देश में, भाई रहता हो सात समंदर पार।
सबसे पावन ,सबसे प्यारा...........
वेदवंती 'वेदी'
स्वरचित एवं मौलिक
रांची (झारखंड)
नमन माँ शारदे!
जवाब देंहटाएं#हिंदी_काव्य_कोश #tmkosh
#साप्ताहिक_काव्य_प्रतियोगिता
विषय- #रक्षाबंधन
दिनांक-24-08-23
*********************
★रक्षाबंधन
बहना - भाई का है प्यारा ,,
रक्षाबंधन अमित त्योहार ।।
बाँध , एक धागे से लेते ,,
दोनों ही, इस जन्म का प्यार।।
जन्म-जन्म का प्यार समाहित,,
प्रेम रंग के , कच्चे - धागे ।
होते हैं , यह अनमोल बहुत,,
फीका सब कुछ इनके आगे।।
सावन झूमे,,,,,गाये मल्हार ।
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
भाई मस्तक , अक्षत - कुमकुम ,,
बहना प्रेम , दुआ बन फलता ।
बँधा कलाई ,,कच्चा धागा ,,
रंग प्रेम आशा का खिलता।।
रिश्तों का है मधुर प्रतिहार।
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
बहना चाहे , दूर रहें दुख ,,
जीवन से , भाई के सारे ।
भाई सोचे , बहन सुखी हो,,
अश्रु नहीं हों आँखों खारे।।
इक दूजे की करें , मनुहार ।
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
बहना - भाई का है प्यारा ,,
रक्षाबंधन अमित त्योहार।।
स्वरचित- करुणा अथैया 'किरण'
देहरादून
(उत्तराखंड)
#हिन्दी_काव्य_कोश
जवाब देंहटाएं#tmkosh
दिनांक -24/8/2023
साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता
विषय- रक्षाबंधन
द्रोपदी समक्ष जब भीषण तम छाए,
तिमिर नाश हेतु मधुसूदन तब आए,
सुनाई दिया जिन्हें द्रुपद सुता क्रंदन,
द्रोपदी कृष्ण का स्नेह हुआ रक्षाबंधन।
बहन प्रेम से सप्त रंगो का चौक बनाती है,
इसी चौक पर बल्लभ भाई को बिठाती है,
फिर लगाती कपाट पर हल्दी टीका चंदन,
इस महोत्सव को दुनिया कहती रक्षाबंधन।
बंधन कच्चे धागों का जो कभी टूटता नहीं,
स्नेह भाई बहन का जो कभी छूटता नहीं,
प्रेम और मिष्ठान से भर जाता गृह नंदन,
इसी त्योहार को दुनिया कहती रक्षाबंधन।
भाई के मार्ग में न रहे शूल न विपदा पहाड़,
बहन चाहे बस स्नेह का एक अमूल्य उपहार,
दीर्घायु हो मेरे भैया और न हो कोई प्रभंजन,
इस पवित्र संबंध को दुनिया कहती रक्षाबंधन।।
रचनाकार- मनोरमा शर्मा मनु
स्वरचित एवं मौलिक
हैदराबाद
तेलंगाना
" रक्षाबंधन "
जवाब देंहटाएंकभी मै ,कभी तुम भी ,रक्षाबंधन पर आना,
रक्षा करे बहन की राखी ,तुम सुरक्षा कवच बन जाना ,
बहन लेती बालाएँ ,तुम खुशियों के फूल खिलाना ,
प्यार और आशीष , उपहार यही तुम लाना ,
कभी मै ,कभी तुम भी ,रक्षाबंधन पर आना |
भैया मेरे मात-पिता की सीख नही बिसराना ,
प्रेम के धागो से बँधा ,बँधन भूल न जाना ,
उपहार यही मै माँगू ,प्यार ही प्यार लुटाना ,
कभी मै ,कभी तुम भी ,रक्षाबंधन पर आना |
सावन का झूला ,बचपन का आशियाना ,
भैया के घर रहे बहना का सदा ,आना -जाना ,
टूटे न स्वाभिमान ,इतना सम्मान दिलाना ,
कभी मै कभी तुम भी रक्षाबंधन पर आना |
माता भी तुम ,और पिता भी तुम बन जाना ,
जब भी आये विपदा ,तुम सदा साथ निभाना ,
आउँगी मै भी दौडी -दौडी ,तुम बस आवज लगाना ,
कभी मैं ,कभी तुम भी रक्षाबंधन पर आना |
श्री मति मनु नेगी
भोपाल (मध्य -प्रदेश )
नमन🙏🕉🙏 मंच
जवाब देंहटाएं#हिन्दी काव्य कोश
#साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता
#दिनांक-24.08.2023
#विषय-रक्षाबधन
#विधा-पद्य मुक्तक
_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_
राखी का त्यौहार आया है।
सुनहरे धागों का रंग छाया है।
आओ राखी त्यौहार मनाएं,
हमें सुंदर सा यह भाया है।।
भय्या बहन का यह है त्यौहार।
पर्व मनाने के हमारे संस्कार।
भय्या बचन देता बहना को,
लाज रखनी हमें है स्वीकार।
रंग बिरंगे धागे वह लाती।
बहिन भय्या के घर आती।
मिष्ठान, पकवान विविध संग में,
मुंह सबका तुम मीठा कराती।
तेरी रक्षा का लेता हूँ प्रण।
संग-संग हमारा जीना-मरण।
बंधन में वह बंध जाते धागे से,
त्याग, तपस्या और समर्पण।
सर्वथा मौलिक अप्रकाशित
मगनेश्वर नौटियाल"बट्वै"
श्यामांगन
भेटियारा/कालेश्वर,उतरकाशी
उतराखण्ड
विषय:-रक्षाबंधन
जवाब देंहटाएं-------------------------
नेह स्नेह के भाव से पल्लवित पर्व रक्षाबंधन है,
प्रीति प्रेम का रिश्ता ऐसा एक ही हृदयस्पन्दन है,
कालग्रास के मुख में जाकर भाई वचन निभाते है,
द्रोपदी की लाज बचाकर तब से यह पर्व मनाते है,
घड़ी वो भी बड़ी शुभ थी पूर्णिमा श्रावण मास की,
दो हृदय से डोर जुड़ी तब एक जैसे ही एहसास की,
अक्षत चावल लगा भाल पर धागा प्यार का बांधती,
नटखट शरारतें बेशक़ करते भाई के प्यार को जानती,
अग्नि पावक जल सहित होते इस रिश्ते के साक्षी है,
अमृत तुल्य शुद्ध पवित्र रिश्ता मानो हो ये सोनाक्षी है,
भूधरा के जीव जगत के यह रिश्ता नैनन के तारे है,
लाख झगड़ ले आपस में पर भाई बहन के प्यारे है,
मातृभूमि की रक्षा में तैनात वो भाई सुरक्षा करते है,
स्वंय राखी बाँध प्राण मातृभूमि पर न्यौछावर करते है,
ये त्योहार देते संस्कृति को विश्वजगत की पहचान है,
सम्पूर्ण सृष्टि में भारत देश का सदा होता गौरवगान है।
स्वरचित मौलिक रचना
निशा
अध्यापिका
दिल्ली
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नमन मंच
जवाब देंहटाएं#हिंदी_काव्य-कोश
#tmkosh
विषय- "रक्षा बंधन"
विधा- कविता
दिनांक- 24/08/2023
रक्षा बंधन इसे महज़ मत समझ भुलाना
बाँधा जो तुमने नेह का बन्धन,
प्रीत का दामन मत बिसराना,
रक्षा बंधन इसे महज़ मत समझ भुलाना।
मान बहन लो, दर्द सहन हो, मेरा तुमसे,
माँगूँगी अपनी खुशियों की रक्षा तुमसे,
आज जो बाँधी प्रीत की डोर,
बाँध सकूँ न कल फिर भी,
सदा निभाना, सदा बढ़ाना,
तुम रिश्ता ये मत ठुकराना,
रक्षा बंधन इसे महज़ मत समझ भुलाना।
केवल होने या न होने से, भाई नहीं माना तुमको,
माँ के गर्भ से बँधा है नाता, सदा सहोदर जाना तुमको,
जरा जरूरत जब पड़ जाए,
माँ न मिले, मौका न मिले
मैं माँ बन जाऊँगी तुम्हारी,
तुम भी मेरी माँ बन जाना,
रक्षा बंधन इसे महज़ मत समझ भुलाना।
अनामिका सत्यांशु
लखनऊ
उत्तर प्रदेश
*रमेशचन्द्र बोहरा
जवाब देंहटाएं*जय श्री कृष्ण माधव
*हिन्दी काव्य कोश
#tmkosh
*साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता
*विषय-रक्षाबन्धन
*दिनांक-24.8.2023
*********************। रक्षा बन्धन:-
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श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पूर्ण चन्द्र का दिन
बहने काटे आज के लिए साल के दिन गिन गिन।
रक्षा बन्धन स्नेह भरा है एक अनूठा पर्व
चन्दा से भाई पर होता हर बहन को गर्व
भाई बहन के प्यार पगा है सावन का यह दिन।
राखी के धागे कहते हैं कथा एक स्नेहिल
इन धागों से बन्धे हुए हैं भाई बहन के दिल
सबसे निर्मल पर्व आज रक्षा बन्धन का दिन।
राखी के धागों में गुंथा है भाई बहन का प्यार
इसी लिए तो रक्षा बन्धन धागों का त्यौहार
जीवन तनिक चले नहीं प्रेम के धागों बिन।
रक्षा बन्धन स्नेह पर्व है नहीं महज है रीत
दुनिया में सबसे अटूट है भाई बहन की प्रीत
भाई घर का दीपक है तो रौनक है बहिन।
थाल सजाएं राखी का बहनें हर्षित होती हैं
जिनके भाई नहीं अश्रु से नमन भिगोती हैं
भाई की सूनी है कलाई एक बहन के बिन।
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*स्व लिखित,मौलिक सृजन-
*रमेशचन्द्र बोहरा
*जोधपुर-३४२००५
राजस्थान।
हिन्दी काव्य कोश
जवाब देंहटाएं******************
#साप्ताहिक प्रतियोगिता
#चयनित विषय : रक्षा बंधन
शीर्षक : रक्षाबंधन
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रक्षाबंधन पावन पर्व है भाई बहन के अटूट निश्चल प्रेम का
राखी बाँध बहन करती मंगलकामना भाई के सुख क्षेम का।
ईश्वर से भाई के हर विघ्न, हर दुख का निवारण चाहती है
भाई से बस अपने लिये आजीवन रक्षा का प्रण चाहती है।
सावन पूर्णिमा का पावन विहान धागों में बंधा मधुर प्यार
भाई के माथे पर लगाकर अक्षत टीका,बहन करती दुलार।
भाई बहन की नोकझोक से घर का आँगन चहक उठता
चंदन,पुष्प,पकवानों से घर का कोना कोना महक उठता ।
बड़े यत्न और जतन से गीत गाती सजाती आरती का थाल
सौ सौ बलाएँ लेते नहीं थकतीं चूमकर भाई का उन्नत भाल।
भाई वचन देता प्राण देकर रक्षा को रहूंगा तत्पर
दुख सुख के साथी वो एक दूसरे के काम आते जीवन भर ।
माता पिता के बाद भाई का आँगन बहन का मायका होता है
उसके स्नेहसिक्त वचन में पिता के प्यार का ज़ायक़ा होता है ।
कृष्ण तुमने दुशासन से द्रौपदी की लाज बचाई भाई बनकर
आज घर घर सुभद्रा रो रही हे कृष्ण! आँच न आने देना उसपर।
मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित@भार्गवी रविन्द्र …बेंगलुरु, कर्नाटक २५/८/२३
विषय- रक्षा बंधन।
जवाब देंहटाएंविधा- कविता
संस्कृति संस्कार परम्परा, अभूतपूर्व संगम।
प्रीति रीति निर्वाहन का, दिखलाए दमखम।।
रक्षा का वचन, कच्चा धागा बंधन,
मन मन उमंग, सत्कार मन लगन,
सदा से फहरा और फहरता रहे, प्यार का परचम।1
कुशल हृदय कामना, प्रेम सद्भावना,
उज्जवल भविष्य, मन न अनमना,
सदैव सुखमय वातावरण, हो आशीष में भी दम।2
धागा भी संकल्प, बने प्रवल विकल्प,
वचन बद्ध रहते सदा, बीतें चाहे कल्प,
रहे मन मन सदा संकल्पित, भेदभाव न तम।3
धर्म वचन निर्वाहन, कृष्ण बड़े उदाहरण,
जफर हुमायूं सिकंदर, की रक्षा निभा वचन,
रक्षा बंधन का कभी, 'योगी' मान हुआ न कम।4
रचनाकार का नाम-- योगेन्द्र 'योगी'
कला भवन, छिपैटी, अतरौली,
जि० अलीगढ़ (यूं पी ) 202280
मो० न० 9412594057
विषय:-रक्षाबंधन या राखी
जवाब देंहटाएंसावन पूनम मनाये राखी
बहनों को हर्षाये राखी
भाई को बहन याद दिलाये राखी
भाई की कलाई सजाये राखी
भाई बहन को अनमोल बनाये राखी
द्रोपदी की चीर कृष्ण राखी
राजा बली लक्ष्मी बांधी राखी
धागा प्रेम बंधन का राखी
विश्वास प्रतीक है राखी
बहन रक्षा वचन है राखी
धरम भाई बनाये राखी
आश्वासन सुरक्षा का है राखी
निश्चल पावन भाव है राखी
भाई बहन का अभिमान राखी
यमराज को भी हराये राखी
बहन भाई पर बलिहारी राखी
प्रस्तुतकर्ता
मंजु तिवारी दीवान
बिलासपुर छत्तीसगढ़
रिश्तों की एक डोर हुई हैं,
जवाब देंहटाएंजिसके कहते है हम रक्षाबंधन।
रेशम की सादी डोर,
संबंध अनूठे गड़ जाति है,
बैर भाव करके समाप्त ,
खुशियां उमंग संग ले आती है ।
ऊंचा स्थान इसका समाज में,
अनदेखी होकर भी देखी जाती है,
मुंह बोले हो या सगे सभी का ,
आपस में प्यार बढ़ा जाती है।
एक रेशम की बदले भाई बहन को,
सौपें खुशियां और उपहार,
उम्र भर बहन को रखे खुश,
उसकी सुरक्षा का सम्हाले भार।
बहन भाई की नोंक झोंक देख,
हो जाती है आंखे नम,
रिश्तों की एक डोर हुई है,
जिसे कहते हम रक्षाबंधन।
सरकार अमन .....
सराहनीय।
जवाब देंहटाएंनमन हिन्दी काव्य कोश
जवाब देंहटाएं#tmkosh
#साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता
#विषय-रक्षा-बन्धन
विधा:पद्य(छंदमुक्त)
दि०-25/08_2023
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आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक,
नहीं मात्र शुचि पावन त्यौहार
चारु एकबद्धता हित उपक्रम ,
रक्षाबंधन हृद अपनत्व आधार।
रेशम के कच्चे धागों से निर्मित,
अति मृदुल डोर रक्षा का सूत्र,
विश्वास-प्रेम अविभाज्य प्रतीक,
अति सशक्त दृढ़ कवच सुरक्षा।
भगिनी द्वारा भ्रात-कलाई पर,
रक्षासूत्रीप वाध्यता अलंकरण,
संबंध पवित्र, उदगार अनूठे,
सत्य-तथ्य अभिव्यक्तिकरण।
श्रावण मासे तिथि पूर्णिमा को,
रक्षाबंधन त्यौहार अनुपमेय,
स्नेह-सुरक्षा साक्ष्य ज्वलंत सा,
चारु विधि उपहार अपरिमेय।
निष्ठामय सम्बन्ध पुनीत अति,
जीवनभर का दृढ़तम गठबन्धन,
अभिनंदन करे प्रकृति स्वयं भी,
वर्णनातीत शुभ रक्षा-बन्धन।
--मौलिक एवम स्वरचित--
अरुण कुमार कुलश्रेष्ठ
लखनऊ (उ.प्र.)
उत्तम।
हटाएंश्रीमती करुणा दुबे
जवाब देंहटाएं" कीर्ति श्री "
जबलपुर
मध्य प्रदेश ।।
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साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता
विषय--"रक्षा बंधन "
दिनांक---25/08/2023
दिन--- शुक्रवार ।
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" रेशम की नाजुक डोरी में, बहना ने स्नेह छुपाया हैं ।
भाई- बहन का प्यार लिये, " रक्षाबंधन "त्यौहार आया हैं ।।
श्रावण मास की पूर्णिमा को, शुभ- मंगल घड़ी ये आयी हैं ।
बहनों ने सुन्दर राखी रख, पूजन की थाली सजायी हैं ।।
रोली, चन्दन,अक्षत, श्रीफल रख, आरती का दिया जलाया हैं ।
भाई -बहन------------------------------(1)
चूड़ी-बिन्दी, मेंहदी- महावर ,सज-धज कर बहन तैयार हुयी।
जल्दी आओ मेरे भैय्या ,मैं कब से रास्ता देख रही ।।
इन्तजार खत्म कब होगा ये , आँखों में नीर भर आया हैं ।
भाई- बहन-,-------------------------------(2)
रोली-अक्षत का टीका मस्तक सजा , कलाई पर राखी बाँधी हैं।
सौ वर्ष जिये मेरा भैय्या , ईश्वर से दुआएँ माँगी हैं ।।
दुःख-दर्द से रक्षा हो तेरी,सुख- ऐश्वर्य घर द्वार समाया हैं ।
भाई- बहन------------------(3)
उपहार नहीं लूँगी मैं तुझसे, बस वचन एक देना होगा ।
कष्टों में जब हो तेरी बहना, " कृष्ण " जैसे तुझे आना होगा ।।
एक डाली के दो फूल हैं हम, हमसे रिश्ता महकाया हैं ।
भाई-बहन-----------------------------(4)
चाहे देश रहुँ , या परदेश रहुँ,मुझे दिल से कभी ना बिसराना।
" रक्षा- बंधन " के पावन दिन, कोशिश कर पास चले आना ।।
वीरा तुझे पाकर बचपन से, मैंने " श्रावणी" का पर्व मनाया हैं ।
नटखट किलकारियों से हम दोनों ने ,इस आँगन को चहकाया हैं ।।
भाई-बहन का प्यार लिये " रक्षाबंधन "--------------------------
स्व रचित एवं पूर्णतः मौलिक ----
द्वारा---श्रीमती करुणा दुबे
" कीर्ति श्री "
जबलपुर ( मध्य प्रदेश)।।
साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता
जवाब देंहटाएंविषय - रक्षाबंधन
आया राखी का त्यौहार
लाया खुशियां अपार
बहना बांध रही है राखी
देखो भाई बहन का प्यार।
बड़ी दूर से आई बहना
बांधने राखी भाई को
भैया लाया गले का हार
देखो भाई बहन का प्यार।
पैर छुए भाई ने जब
बहना दे रही आशीर्वाद
दीदी हार करो स्वीकार
देखो भाई बहन का प्यार।
नेग तुम्हारा बड़ा ही प्यारा
करती हूं स्वीकार
भैया दो और एक उपहार
देखो भाई बहन का प्यार।
हर कन्या में मुझे देखना
निभाना रक्षाबंधन की लाज
आन बचाना बहनों की तुम पर है यह भार
देखो भाई बहन का प्यार।
आराधना शुक्ला
अयोध्या ,उत्तर -प्रदेश।
स्वरचित, मौलिक
विषय रक्षाबंधन
जवाब देंहटाएं**************
इस राखी पर भैया देखो माँग रही हूँ ये उपहार
सात जनम तक बना रहे हम दोनों का ऐसे ही प्यार।।
बचपन में हर एक खेल में जानबूझ जाते थे हार
मुझे जिताने के हित से तुम पीछे रह जाते हर बार।
रहे हमेशा से जीवन में बनकर तुम मेरे आधार
सात जनम तक बना रहे हम दोनों का ऐसे ही प्यार।।
जो माँगा ,लेकर तुम आए किया नहीं अब तक इन इनकार
अग्रज होकर भी तुमने हैं दिए मुझे पूरे अधिकार।
कैसे भूल सकूंगी भैया इतने सारे मैं उपकार
सात जनम तक बना रहे हम दोनों का ऐसे ही प्यार।।
अरुंधती भागवत
माणिक पब्लिक स्कूल
माणिकनगर
जिला बीदर
कर्नाटक
पिन कोड 58 5353
9740145345
पंक्तियों की संख्या कम हैं | कृपया नियमानुसार भेजें
हटाएंहिंदी_काव्य_कोश#tmkosh
जवाब देंहटाएंविषय-"रक्षाबंधन"
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श्रवण माघ पूर्णिमा के दिन, हम त्यौहार मनाते हैं।
बहन के हाथों से भैय्या, राखी आज बंधाते हैं।। १
अक्षत, रोली, चंदन से, बहिना थाल सजाती हैं।
राखी बांध के भाई को, फिर मिष्ठान खिलाती हैं।।२
ऐसा वैसा नहीं प्रेम का, यह अटूट नाता है।
भ्राता,भगिनी की रक्षा में, दौड़-दौड़ कर आता है।।३
मझधार बहन की नौका तो,भैय्या उसको खेता है।
मिला सहारा भाई का, इतिहास गवाही देता है।।४
कर्मवती ने आज हुमायूं, को राखी भिजवाया था।
पांचाली का चीर हरण, मोहन ने उसे बचाया था।।५
नारी सब कुछ कर सकती है, आगे बढ़कर आए।
फिर उसका सम्मान बचाने, भाई भी आ जाए।।६
एकता,प्रेम,सौहार्द बढ़े,इस त्यौहार बहाने।
संकट में भाई बन जाते, हो चाहे अनजाने।।७
भेदभाव न जाति धर्म का, पर्व यही कहता है।
अगनित कष्ट बहन के हित में,एक भाई सहता है।।८
शिवाकान्त शुक्ल
रायबरेली (उत्तर प्रदेश)
मौलिक,स्वरचित,अप्रकाशित
२५-०८-२३
विषय - रेशम के धागें
जवाब देंहटाएंविधा - कविता
रेशम के इस धागें की ये बात ही बड़ी-निराली है,
सजाकर लाती बहने इसदिन प्यारी सी थाली है।
लम्बी उम्र की कर कामना तिलक वह लगाती है,
बिठाकर बाजोट भैय्या के हाथ राखी बाॅंधती है।।
रोली-मोली और मिठाई नारियल लेकर आती है,
ख़ुश रहना सदैव प्यारे भैया ऐसी दुआऍं देती है।
कर किलकारी वह बहना संपूर्ण घर चहकाती है,
जब भी आये ये त्यौहार वो फूले नही समाती है।।
यह कच्चें धागो की राखियां शक्तिशाली होती है,
श्रावण शुक्ल पंचमी को बहने पीहर में लाती है।
माॅं जैसी मूरत वैसी सूरत सब बहनो की होती है,
रिश्तें निभाने यही बहने मीलों से चली आती है।।
भईया के आने से पहले थाल सजाकर रखती है,
साथ पले एवं बड़े हुऍं वें यादें ताज़ा हो जाती है।
बान्धकर राखी बहना गिले शिकवे भूल जाती है,
ऐसे रिश्तों से सबकी ख़ूबसूरती निखर जाती है।।
रचनाकार ✍️
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
विषय रक्षाबंधन
जवाब देंहटाएंहिंदी काव्य कोश
मनोभावो के शशिप्रभा ले,धागो में उसे
पिरोया है।
रोली, कुमकुम ,चंदन हल्दी, मस्तक में तिलक लगाया है।।
हर भाई के घर आँगन में, बहना ने थाल सजाया है ।
घर आंगन बिखरी खुशहाली, उत्सव बंधन का आया है |
जिस चौके पर प्यार बिखेरे, रानी बहना को भाया है।
लेकर हाथों में राखी को, सुप्रिय भैया को बिठाया है ।
रंग बिरंगे फूलों वाली, स्वर्ण कलियों से सजाया है।
बहना अपने अरमानों की, गाँठ कलाई में पाया है ।
वचन दिया प्यारे भैया ने, मन बहना का मुस्काया है।
सौगंध मुझे इस माटी का, पुरा जीवन जहाँ बिताया है ।
लड़ते झगड़ते अपने लिए, ममत्व जहाँ सदा पाया है ।
संस्कार मिला मां पिता से, माया संसार निभाया है ।
मोहम्मद अलीम
बसना
नई टिप्पणियों की अनुमति नहीं है.