हिन्दी कविता -आया सावन/चंद्रशेखर राठौर || Best Hindi Poem On Savan/Chandrashekhar rathore

 

Best Hindi Poem On Savan


झूमो, नाचो, गाओ आया सावन हे प्यारे |

नाच रहे है मोर भी बगियो मे पंख पसारे |


घनगौर घटाओ से गगन भरा हे 

हरि भरी हरियाली से पटी धरा है |


डाल डाल पर पड़ गए सावन के झूले हे

सृष्टि सारी खुशियो के मारे फुले है  |


दौड़ रही नदिया तालाब छलक ने लगे है 

चारों तरफ़ मन मोहक नजारे दिखने लगे है |


जग मग हो उठी संध्या गीत भजन फंकारो से

गूंज उठे शिवालय बम भोले के जयकारों से 


कई रिम झिम, कई बोछारे बड़े मनभावक हे नजारे

झूमो, नाचो, गाओ आया सावन है प्यारे |

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