Best Hindi Poem Jee Chahta hai |
जिंदगी को खुल के जीने को जी चाहता हैं,
हर तमन्ना पूरी करने को जी चाहता हैं।
लबो पे जो अधूरी है मुस्कान मेरे,
अब खिलखिलाने को जी चाहता हैं।।
दिमाग में चलती रहती हैं उलझने,
मन में जाने कितनी बेचैनी।
तेरे कांधे पे सर रखकर,
तेरी बातों की गजल सुनने को जी चाहता हैं।।
थक चुकी हूँ मैं यहाँ वहाँ भाग भाग के,
इन अँधेरी रातों में जाग जाग के।
एक सुकून का तकिया लगाकर,
निश्चिन्त सो जाने को जी चाहता हैं।।
भीगी हैं जाने कितनी बार ये आँखें,
कुछ छुटे लोगों से कुछ बीते लम्हों में।
सावन की रिमझिम बारिश में,
भीग जाने को जी चाहता हैं।।
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