बहेलिया
कभी -कभी
पंख कतर देने के बाद भी
पक्षी थोड़ी ऊँचाई तक
उड़ते हैं
उड़ने के हौसले से
कुछ दूर आकाश में
विचरण कर ही लेते हैं
इसीलिए
आजकल बहेलिया ने
नया तरीका ईजाद किया है
पंख नहीं काटते
पिंजरा भी बंद नहीं करते
चारो तरफ पहरा भी नहीं डालते
बस
चारा में कुछ ऐसा
मनभावक-मनमोहक-मादक तत्व
मिला देते हैं कि
केसर सुरभित महक से ही
उनका मन भर जाता है
और
वे पंख उठा-उठा कर
पिंजरे में चारों तरफ घूमते हैं
बहेलिया के इशारे पर
धरती पर चोंच पटक-पटक कर
भारत माता की जय बोलते हैं
~ आदित्य अभिनव
छपरा( सारण), बिहार
छपरा( सारण), बिहार
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