स्वतंत्रता सेनानी
वह व्यक्ति वह योद्धा
संग्राम में बलिदानी शौर्य से
शहीदी सुर में तोड़ बेड़ियाँ
कारावास की कूचियों से
लिख चुके हैं
इतिहास स्वतंत्रता संग्राम का !
परिणाम इतिहास नहीं सौगात है
सौ सालों के दुर्घष संघर्ष का
भूगोल सिमटा न था संग्राम का
राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय विस्तार था
युद्ध और विश्व युद्ध काल में
बना सेनानी विकट महाकाल था
काल ओ परिधि से परे हमारा
वह राष्ट्र का स्वतंत्रता संग्राम था
सत्ता के चौसर से अलग वह
अद्भुत अप्रतिम साहसी शौर्य
देश प्रेम के समक्ष नतमस्तक था
रचो तुम अपनी रचना ले प्रेरणा
लक्ष्यबेध सफर महासंग्राम से
सत्ता नहीं जनतंत्र के प्रयाण से
लिख सकते हैं इतिहास वही
जिन्हें उसके दर्द का अहसास है
एक हूक सी उठती है अंतस्तल में
बयालीस के उफान से उपजते
सैंतालिस समापन के उल्लास का
सत्ता और पैसे की नजर नहीं
लहराते झंडे हमारी नजर में हैं.
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