जयभारत ! वन्दे मातरम/डॉ. मधु प्रधान


ऊर्ध्व शिखर पर लहरायेगा 

सदा ये भारत का परचम

गायें हम समवेत स्वरों से 

भारत ! वन्दे मातरम 

जयभारत ! वन्दे मातरम


सदा एकता के स्वर गूँजें 

मिलजुल सबको रहना है

विश्व शांति के दीप जलाकर 

नई ऊर्जा भरना है


मातृभूमि की यशगाथा से 

गूँजेगा यह विश्व सदन 

गायें हम समवेत स्वरों से 

भारत! वन्दे मातरम 

जय भारत!वन्देमातरम


नहीं विषमता के बादल हों 

न हों अधियाँ विघटन की 

देशप्रेम की वर्षा हो ,लहके

हर क्यारी गुलशन की


रंगबिरंगे फूलों से है, सजा

हुआ अनुपम गुलशन 

गायें हम समवेत स्वरों से

भारत ! वन्देमातरम 

जयभारत!वन्देमातरम


सरल सहज सी राह बनायें

सुगम हो जीवन की धारा

बहें रोशनी के झरने फिर

मिले सभी को उजियारा


एक सूत्र में बंध जायें सब

ऐसा हो शुभ परिवर्तन

 गायें हम समवेत स्वरों से 

भारत!वन्देमातरम

जयभारत!वन्देमातरम


रहती दृष्टि उच्चता पर 

है भेद नहीं लवलेश यहाँ 

हँस कर अपनाता गैरों को 

होगा ऐसा देश कहाँ


शुभ संकल्पों की आभा से

रहे सदा दैदीप्य गगन 

गायें हम समवेत स्वरों से 

भारत! वन्देमातरम ,

जयभारत!वन्दे मातरम