श्रम साधक को विश्राम नहीं~ राम प्रताप वर्मा


सुबह नहीं , अब शाम नहीं !

करना है आराम नहीं  !

बिना श्रम के इस जग में ,

मिलता है , परिणाम नहीं !

दृढ़ इच्छा से लक्ष्य सिद्धि तक ,

करना है , आयास सदा !

ईर्ष्या, द्वेष और  आलस का ,

मन में रखना , भाव नहीं  !

डट कर हमको , लग जाना है ,

श्रम तपस्या  , के पथ पर  !

लक्ष्य प्राप्ति तक , अब हमको ,

करना है आराम नहीं  !

श्रम साधक को इस जग में ,

करना है विश्राम नहीं  !!!!!

राम प्रताप वर्मा 
गोंडा , उत्तर प्रदेश।