अच्छी कविता कैसे लिखें | How to write best poems in hindi.




कविता लिखने का मतलब, अपने अंदर झाँकना और अपने चारों ओर मौजूद दुनिया को ध्यान से देखना। एक कविता प्यार लेकर कुछ खोने तक या किसी पुराने खलिहान के जंग लगे दरवाजे तक, किसी भी बारे में हो सकती है। जी हाँ, शुरू में किसी को भी कविता लिखना कठिन लग सकता है और उन्हें तो और अधिक जिनको लगता है कि मैं क्रिएटिव नहीं हुँ | परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं यदि आप भाषा पर पकड़ बनाने के साथ ही अपने मजबूत भावों को शब्दों के रूप में पिरोना जान जायें तो यही अच्छी कविता है |

नीचे कुछ आसान तरीके बताये गये हैं जिसे समझ कर आपकी लेखन शैली में अवश्य परिवर्तन आयेगा |

कविता कितने प्रकार की होती है?

छंदों के अनुसार कविताएं दो प्रकार की होती हैं -

1. छंदमुक्त कविताएं -

छंदमुक्त कविताएं कविता लेखन की शुरुआत करने पर लिखी जाती है। जब कोई लेखक कविता लिखने की शुरुआत करता है, तो वो सबसे पहले छंदमुक्त रचनाएं ही लिखता है एवं उन्हें महत्व देता है। इसका कारण ये है कि छंदमुक्त रचनाओं में भाव की प्रधानता होती हैं और उनमें भावनाओं को ज़्यादा महत्व दिया जाता है। ऐसी रचनाओं में नियमों की पाबंदी नहीं होती।

 

2. छंदयुक्त कविताएं -

छंद का अर्थ ही नियम होता है यानि नियमों का ध्यान रखते हुए जब कोई कविता लिखी जाती है, तो ऐसी रचना को छंदयुक्त रचना कहते हैं। छंदयुक्त कविताओं में दोहा,रोला,कुण्डलिया आदि रचनाएं हो सकती है। जब कोई रचनाकार छंदमुक्त कविताएं अच्छी लिखने लगता है, तो वो छंद का ज्ञान लेकर छंदयुक्त रचनाएं लिखने की शुरुआत करता है।

लयबद्धता के अनुसार भी कवितायें दो प्रकार की होती हैं |

1. तुकांत कविता 

तुकांत कविताएं वो कविताएं होती है, जिसमें तुकांत होते हैं। हर पंक्ति के अंत में ऐसे शब्द लिखें जाते हैं, जिनसे कविता की लय में कोई परेशानी नहीं होती और पाठक उसे पढ़ने में मज़े का अहसास करता है। तुकांत कविता छंदमुक्त भी हो सकती है और छंदयुक्त भी। मतलब ये दोनों तरह की हो सकती है। 

2. अतुकांत कविता

अतुकांत कविता नाम से ही इसका पता चलता है कि ऐसी कविताएं जिनमें तुकांत नहीं होते, वो अतुकांत कविता कहलाती है। तुकांत कविताओं में तुकांत हर पंक्ति के आखिर में लिखें जाते हैं। लेकिन अतुकांत कविताओं में तुकांत नहीं होते। इन कविताओं में भाव की प्रधानता होती है। अतुकांत कविता छंदयुक्त नहीं हो सकती बल्कि छंदमुक्त ही हो सकती है।


कविता कैसे लिखें ?

सताधिक सामान्य पुस्तकें लिखकर भी एक रचनाकार उतने पाठकों तक नहीं पहुँच पाता है जो कि एक रचनाकार मात्र एक अच्छी रचना से प्रसिद्धि पा लेता है | इसलिए यह आवश्यक है कि अनेक सामान्य कवितायें लिखने से अच्छा है एक अच्छी कविता लिखी जाये जो पाठक को झकझोर दे | यहाँ सामान्य कविताओं से आशय है, बिना शोध व अध्ययन के लिखना |


अच्छी कविता लिखने के लिए आवश्यक है-

1.    1.  विचारों के लिए चिंतन करना
2.   एक विषय तलाशना
3.   एक काव्य रूप चुनें
4.   उस विषय से सम्बन्धित कवितायें पढ़ें
5.   अलंकारों से सुसज्जित करें
6.   पाठक के लिए लिखें
7.   कविता को दोहराएं व सही करें
8.   निरंतर लिखने की आदत डालें


1.  1.   विचारों के लिए चिंतन करना :

हम जब भी कोई दृश्य देखते हैं तुरंत हमारे मन में एक चित्र उभर कर सामने आ जाता है और यही चित्र हमारे अंदर ठोस भाव बनकर उभरते हैं | हम स्वयं या किसी दूरसे को जब भी किसी दुःख या प्रसन्नता में देखते हैं तो तत्क्षण हमारे भीतर एक विचारों का तीव्र संचार होता है| ऐसा लगता है जैसे विचारों की आँधी आ गई हो| बस यही उपयुक्त समय होता है जब हम ठोस विचारों को एकत्र कर सकें उसपर मंथन कर सकें| हमें इन विचारों को तुरंत कहीं लिख लेना चाहिए जिससे हम बाद में कविता लिखते समय उसपर विचार कर सकें| परंतु ध्यान रहे ऐसी स्थिति में जब हम कोई चित्र देखें और तीव्र विचारों का प्रवाह हो तो केवल उन भावों को लिखें न कि तुरंत कविता लिखने बैठ जायें | कविता बाद में उसपर विचार करके शांत मन से लिखें |

 

2. 2.    एक विषय तलाशना :

आप किसी ऐसे खास थीम या विचार पर ध्यान देकर आपकी कविता लिखना शुरू कर सकते हैं, जो आपको रोचक या मजेदार लगती हो। कविता लिखने के लिए, ध्यान देने योग्य एक खास थीम या विचार चुनने से आपकी कविता को एक स्पष्ट लक्ष्य या उद्देश्य मिल जाता है।

उदाहरण के लिए, आप चाहें तो अपनी कविता को लिखने के लिए प्रेम और दोस्ती, विषय का चयन कर सकते हैं। आपको फिर अपनी ज़िंदगी के कुछ ऐसे पलों पर विचार करना होगा, जब आपने प्यार और दोस्ती का अनुभव किया, इसके साथ ही आप दूसरों के साथ अपने रिश्ते के आधार पर किस तरह से प्यार और दोस्ती को परिभाषित करते हैं।

थीम या विचार चुनते वक़्त कुछ एकदम खास बनकर सोचने की कोशिश करें, क्योंकि इसकी वजह से आपकी कविता को कम अस्पष्ट या कम उलझी हुई बनाने में मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए, “हानि/क्षतिजैसी एक आम थीम चुनने के बजाय जरा ज्यादा स्पष्ट थीम, जैसे कि बच्चे का खोनाया बेस्ट फ्रेंड का खोनाचुनने की कोशिश करें।

3 3.  एक काव्य रूप चुनें :

जैसा की ऊपर कविता के प्रकार में बताया गया कि कितनी प्रकार की कवितायें लिखी जा सकती हैं| अब उनमें से आपको स्वतः चयन करना है कि आप किस काव्य रूप को चुनकर अपने भावों को आसानी से प्रकट कर सकते हैं |

ध्यान रहे कभी भी किसी रचना को देखकर या किसी रचना अथवा कवि से प्रभावित होकर किसी काव्य रूप को न चुनें| आप जिसमें अपने भावों को सही व पूर्ण तरीके से व्यक्त कर पते हों वही काव्य रूप अपनायें | आपको ऐसी अनेक रचनायें मिल जायेंगीं जो भाव प्रधान होने के कारण लोकप्रिय हुई हैं न कि काव्य रूप प्रधान होने के कारण |          

4 4. उस विषय से सम्बन्धित कवितायें पढ़ें :

दूसरे कवि क्या लिखते हैं, इसके बारे में ज्यादा अच्छी समझ पाने के लिए, जरूरी है, कि आप कविताओं के उदाहरणों को देखें। आपको ठीक उसी तरह के काव्य रूप को पढ़ना है, जिसके ऊपर आप भी कविता लिखना चाहते हैं या थीम से जुड़ी कविताएं या फिर ऐसे विचार, जो आपको प्रेरित करते हैं, को पढ़ें। आप चाहें तो शैली के बारे में ज्यादा बेहतर जानकारी पाने के लिए, ऐसी कविताएं भी चुन सकते हैं, जो काफी जानी-पहचानी हैं और जिन्हें क्लासिकश्रेणी में रखा जाता है।

5. अलंकारों से सुसज्जित करें :

साहित्यिक युक्तियाँ, जैसे कि रूपक और उपमा, आपकी कविता में विविधता लाते हैं और इसमें एक गहराई भी लाते हैं। इस तरह की युक्तियों का इस्तेमाल करने से आपकी कविता एकदम हटके बन जाएगी और साथ ही इसे पढ़ने वालों के सामने इसकी एक विस्तृत तस्वीर भी उभरकर आएगी। अपनी कविता में इन साहित्यिक युक्तियों का इस्तेमाल करने की कोशिश करें, इनमें बदलाव करते रहें, इसलिए आपको लिखते समय सिर्फ उपमा या रूपक का ही बस नहीं इस्तेमाल करना है अपितु कई अलंकारों व युक्तियों से इसे सुसज्जित करना है|

6. पाठक के लिए लिखें :

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप कविता किसके लिए लिख रहे हैं? जी हाँ, पाठक !

अतः हमें पाठक के दृष्टिकोण को देखते हुए अपनी कविता लिखनी है| अब आपका प्रश्न होगा कि पाठक के अनुरूप कैसे! देखिए, आपकी रचना कोई आवश्यक नहीं की अच्छा साहित्य की समझ रखने वाले हि पढ़ें | कवितायें तो आम-जन मानस के लिए लिखी जाती हैं जो अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित कर उनके जीवन शैली में सुधार ल सकें|

अतः अपनी कविता एक सामान्य मनुष्य के समझ में आने योग्य लिखें | इसमें भाव की प्रधानता पैदा करें न कि कठिन साहित्यिक शब्दों का|

7. कविता को दोहराएं व सही करें :

आपको अपनी कविता इतनी बार दोहराना है, जब तक कि ये आपको सही न लगने लग जाए। अगर आपकी कविता में ऐसी कोई पंक्ति है, जो बहुत ज्यादा स्पष्ट नहीं है या जिससे कन्फ़्यूजन हो रहा है, तो उसे हटाने के लिए, दूसरे लोगों की तरफ से आई प्रतिक्रिया स्वीकार करें। अपनी कविता में बस कुछ अच्छी लाइन जोड़े रखने के एवज में अपनी कविता को न बिगड़ने दें, आपको अपनी इन कुछ अच्छी लाइन्स को मिटाने के लिएतैयार रहना होगा।

 ध्यान रहे, कि कविता में लिखी हर एक लाइन, कविता के असल लक्ष्य, थीम या विचार के साथ मेल खानी चाहिए।

8. निरंतर लिखने की आदत डालें :

किसी भी रचनाकार के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह निरंतर लिखे| आपको प्रतिदिन लिखने की आदत दलनी चाहिए | यदि किसी दिन आपके मन में कोई विचार नहीं आ रहे तो आपको अपनी पुरानी रचनाओं को उठाकर जोर-जोर से पढ़ना चाहिए| ऐसा करने पर यदि आपको उसमें त्रुटियाँ दिखाई देती हों तो उनमें तुरंत सुधार करें | हो सकता है वह रचना अब और अधिक अच्छी हो जाये|

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