डाॅ0 सूर्यपाल सिंह- रचनाकार परिचय



डाॅ0 सूर्यपाल सिंह 

   परिचय 

 जन्म तिथिः- 10 जनवरी 1938ई. पर रिकार्ड्स में 25 फरवरी 1940 ई0।
जन्म स्थानः- ग्राम बनवरिया पूरे परसोहनी जनपद गोंडा उत्तर प्रदेष-271001।
शिक्षाः- एम.ए. भूगोल, एम.एड, पी-एच.डी, (शिक्षा)
कार्य क्षेत्रः- 10 वर्ष माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापन
* 3 वर्ष प्राचार्य पद पर कार्य
* 12 वर्ष लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोंडा में अध्यापन।
* 15 वर्ष (1985-2000) महाविद्यालय भटवली बाजार (उनवल) गोरखपुर में प्राचार्य पद पर कार्य।
* लेखन एवं मंचन में प्रारम्भ से ही रुचि। गोण्डा, गोरखपुर में नाटकों का निर्देषन। अपने लिखे-नाटकों का निर्देषन किया ही, धर्मवीर भारती के अंधायुगब्रेख्त के खड़िया का घेरामोहन राकेष के आशाढ़ का एक दिनविश्णु प्रभाकर के टूटते परिवेषका निर्देषन।
*गोरखपुर विष्वविद्यालय की कार्य परिशद के सदस्य (1995-96)
* दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय संगोश्ठियों का संचालन/सहभागिता।
* दो दर्जन लेख राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाषित।
* 1985 में शिक्षक शिक्षा की अन्तरराष्ट्रीय परिषद के विश्व सम्मेलन बैंकाक में सहभागिता तथा थाईलैण्ड, मलेशिया एवं सिंगापुर के उच्चशिक्षा केन्द्रों का निरीक्षण। शिक्षक शिक्षा की अन्तरराष्ट्रीय परिषद के आजीवन सदस्य।
* विभिन्न अकादमिक एवं सामाजिक संस्थाओं के अध्यक्ष/सचिव/सदस्य।
* साहित्यिक पत्रिका, पूर्वापर’ (त्रैमासिक) का सम्पादन
अब तक 48 अंक प्रकाशित।
कृति मूल्यांकन/शोध  - अवध विश्वविद्यालय फै़जा़बाद में दुर्गेष कुमार श्रीवास्तव द्वारा डाॅ0 सूर्यपाल सिंह-व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लघुशोध प्रबन्ध प्रस्तुत (2004)। डा0 अम्बरीश मिश्रा को शोध प्रबन्ध-डा0 सूर्यपाल सिंहः व्यक्तित्व, सृजन एवं चिन्तनपर पी-एच.डी की उपाधि 2017 में प्राप्त।
-साहित्य परिक्रमा’, ‘तत्सम’, ‘पूर्वापर’ ‘आजकल’, ‘इंडिया टूडे’, ‘जन संदेष टाइम्समें रचनाएँ/समीक्षाएँ प्रकाशित।
- डा0 बजरंग बिहारी तिवारी एवं डा0 शैलेन्द्रनाथ मिश्र द्वारा सम्पादित समीक्षा कृति
-सूर्यपाल सिंह का सृजन’-टाइम्स पब्लिकेशन दिल्ली (2015) द्वारा प्रकाशित।
प्रकाशित रचनाएँः-
नाटक- परतों के बीच’ (1975), नाट्य संग्रह गीत गाने दो मुझे’ (1996), नाट्य संग्रह-तनुदा का अपहरण’ (2006)         
कविता एवं गीत संग्रह- पर अभी संभावना है (2004),रात साक्षी है (2006), सपने बुनते हुए (2011)
ग़ज़ल संग्रहः- धूप निकलेगी (2010), नए पत्ते (2013)
कहानी संग्रहः- नीड़ (2009)
उपन्यासः- कंचनमृग (2000), शाकुनपाँखी (2005), कोमल की डायरी (2007), मनस्वी (2006),  अपना आकाश (2010), आँच (2012), कारवाँ (2019)
निबन्ध संग्रहः- पंछी यहाँ नहीं रहते (2008), ओ सेमल के तोते (2016), कुछ रेखाएँ कुछ रंग (2017)
समीक्षा कृतिः- बेहतर समाज के लिए (2014)
- शिक्षा के दार्शनिक, सामाजिक एवं आर्थिक आधार (2005)
- शिक्षा अर्थशास्त्र (2008)
रचनाओं के प्रकाशन को प्रोत्साहन
      मीरजापुर, इलाहाबाद, फैजाबाद, गोरखपुर, बहराइच, गोण्डा के बीस रचनाकारों को लेखन और प्रकाशन के लिए प्रोत्साहित किया। इन रचनाकारों की पचास पुस्तकें पूर्वापर प्रकाशनसे लाभ-हानि निरपेक्ष भावना से प्रकाषित हुईं। इससे रचनाधर्मिता का एक परिवेश निर्मित हुआ।
सम्मान:-
 अनेक संस्थाओं ने सम्मानित किया है जिसमें से कुछ हैं-
*life time Achievement award Alankar Sangeet Kala Sansthan Bombay
* हिन्दी सेवी सम्मान (2000) सहस्राब्दी विश्वहिन्दी सम्मेलन, नई दिल्ली
* संभवफैजाबाद, (2008)
* अवध भारती संस्थान बाराबंकी, (2012)
* गोंडा महोत्सव (2016)
* आचार्य विश्वनाथ पाठक सम्मान (2016) फैजाबाद
* महाराजा देवीबक्श सिंह कालेज गोंडा (2012)
* दिग्विजय नाथ पी.जी. कालेज गोरखपुर (2001)
* गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर   (2014-2016)
* वीर बहादुर सिंह पी.जी. कालेज गोरखपुर (2016)
* बन्धु सिंह महाविद्यालय गोरखपुर   (2018)
* साहित्य भूषण सम्मान (2018) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा।
सम्पर्कः- 1265 सिविल लाइन्स निकट प्रधान डाकघर, गोंडा